केंद्र सरकार ने Amazon.com की स्थानीय इकाई और वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट को चेतावनी दी है कि उनके प्लेटफ़ॉर्म पर विक्रेता एक नियम का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसमे यह आवश्यक था कि किसी उत्पाद के बनने वाले देश को बताने के लिए कहा गया था|
नियम के कड़ाई से लागू करने के लिए स्ट्रिक्ट नियम बना था जिसकी वजह भारत और चीन के बीच सीमा झड़प के बाद तनाव के बीच आया था जो जून में शुरू हुआ था और चीनी आयातों में कटौती के भारत कि कोशिशों में से एक है|
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से कंपनियों को संबोधित 16 अक्टूबर के पत्र के अनुसार, दो ई-कॉमर्स फर्मों को लैप्स की व्याख्या करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है या उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए थे|
पत्र में बताया नही गया कि क्या कार्रवाई की जा सकती है, केवल एक कानूनी कार्रवाई का उल्लेख है जिसमें जुर्माने का प्रावधान भी है|
अमेज़न और फ्लिपकार्ट ने टिप्पणियां देने से इंकार कर दिया है|
सामान का किस देश में बनने क्व बताये जाने के अलावा, नई दिल्ली ने जून से 177 चीनी मोबाइल एप्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि बंदरगाहों में चीनी सामानों को अतिरिक्त जांच और देरी का सामना करना पड़ा है|
अमेज़न को अक्सर भारत में नियमावली को लेकर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है| पिछले साल, सरकार द्वारा ई-कॉमर्स में विदेशी निवेश के लिए सख्त नियम लागू किए, जिसने अमेरिकी व्यापारियों को अपने व्यापार ढांचे को फिर से बनाने के लिए मजबूर किया और इस फैसले ने नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया|
जनवरी में, आयोग ने कोर्ट से अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन और कुछ छूट प्रथाओं के बारे में जांच करने का आदेश दिए थे| यह दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण था|
News Source: AmarUjala
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