प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वामित्व’ योजना के तहत ऑनलाइन मीटिंग में संपत्ति कार्डों की भौतिक जाानकारी वह कुछ लाभार्थियों को बाँट कर बोले कि यह ग्रामीण भारत को बदलने की तरफ ‘ऐतिहासिक कदम’ है|
मोदी ने कहा कि इस पहल से ग्रामीण अपनी ज़मीन और संपत्ति को वित्तीय पूँजी के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे, जिसके एवज में व् बैंको से उधार एवं अन्य वित्तीय लाभ पा सकेंगे| उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीणों में भूस्वामित्व को ले कर विवाद समाप्त होगा|
मोदी ने स्वामित्व (ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ गावों का सर्वेक्षण एवं मानचित्रण) योजना के कई लाभार्थियों से बातचीत की और कहा कि यह देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है|
उन्होंने स्वामित्व योजना की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा,’दुनियाभर के विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया है कि संपत्ति स्वामित्व अधिकार देश के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं|’
मोदी ने कहा कि विश्व में केवल एक-तिहाई जनसँख्या उनकी संपत्ति का कानूनी रिकॉर्ड है| उन्होंने कहा कि गांवो में रह रहे युवा अब अपनी संपत्तियों के आधार पर से लोन ले सकते हैं और भूमि स्वामित्व के स्पष्ट अधिकार भारत जैसे विकासशील देश के लिए आवश्यक हैं|
प्रधानमंत्री ने कहा की संपत्ति के आधार पर युवाओं को आत्मविश्वास देगा , जिससे वह आत्मनिर्भर बनेंगे| इस योजना के लाभार्थी छह राज्यों के 763 गावों से है
इसमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांव शामिल हैं|
News Source: NavbharatTimes