आम्रपाली मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से कहा है कि वह एक सीनियर अधिकारी को कोर्ट रिसिवर के साथ को-ऑर्डिनेट करने के लिए नियुक्त करने को कहा है|
ऐसा निर्देश इसलिए दिया गया है ताकि बैंकों की तरफ से होम बायर्स के लोन का पैसा रिलीज करने के बारे में जो बाधा आ रही है उसका निपटारा किया जा सके|
सुप्रीम कोर्ट में बायर्स की ओर से पेश सीनियर ऐडवोकेट एमएल लाहोटी ने बताया कि मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि सरकारी और प्राइवेट बैंकों से होम बायर्स ने लोन ले रखा है और लोन अमाउंट की किस्त रिलीज नहीं दी जा रही है|
इस कारण होम बायर्स की ओर से भुगतान में परेशानी हो रही है| कुछ बायर्स जिनका बकाया है उन्हें तो 30 अक्टूबर तक की डेडलाइन भी दी गई थी|
तमाम होम बायर्स के बैंक लोन का पैसा रिलीज में होने वाली कठिनाई के कारण भुगतान में परेशानी है| कोर्ट रिसीवर ने भी इस बात को कोर्ट को बताया| सुप्रीम कोर्ट में आरबीआई की ओर से बताया गया कि बैंकिंग सेक्टर डीरेग्युलेटेड हो चुके हैं और वह लोन अमाउंट रिलीज करने के बारे में खुद फैसला लेते हैं|
तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरबीआई ऐसा कैसे कह सकती है जबकि आरबीआई रेग्युलेटरी बॉडी है और वह नियम तय करती है|
अदालत ने कहा कि आपको इस मामले में को-ऑर्डिनेट करना होगा| सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से कहा कि वह अपने अधिकारी नियुक्त करें जो मामले में कोर्ट रिसिवर के साथ मिलकर इस मुद्दे का निपटारा करें कि कैसे बैंक होम बायर्स के लोन अमाउंट को रिलीज करेंगे|
लाहोटी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को करेगा| उस दौरान वह अन्य मुद्दो को भी टेकअप करेगा|
आम्रपाली बायर्स के पैसे डायरेक्टरों की तरफ से डायवर्ट किए जाने का मामला अगली सुनवाई में लिया जाएगा|
News Source- NavbharatTimes
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