केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी को 1962 में अपने पीएम का रीज़न सुनना चाहिए था जब भारत ने ज़मीन का काफी हिस्सा खो दिया था|
शाह 7 अक्टूबर को हरियाणा में नए फार्म बिल के खिलाफ एक रैली के दौरान पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच चल रहे तकरार के संबंध में राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणियों का जवाब दे रहे थे|
शाह ने इंटरव्यू में कहा 15 मिनट के भीतर चीनियों को बाहर निकालने का फार्मूला वर्ष 1962 में ही लागू किया जा सकता था अगर ऐसा किया जाता तो भारतीय भूमि का हेक्टेयर नहीं खो देते।
तत्कालीन पीएम ने पहले ही आकाशवाणी पर बाय बाय असम का ऐलान किया था |अब कांग्रेस हमें इस मुद्दे पर कैसे बताएगी? जब नेहरू सत्ता में थे, तो चीन लगातार हमारी ज़मीन पर कब्ज़ा कर रहा था, अमित शाह ने राहुल गांधी को बताया|
बिहार रेजिमेंट के सैनिकों की बात करते हुए, जिन्होंने 15 जून को लद्दाख की गैलवान घाटी में चीनी सैनिकों को अतिक्रमण करने से रोका, शाह ने कहा, मुझे 16 बिहार रेजिमेंट के सैनिकों पर गर्व है। कम से कम हमारे कार्यकाल के दौरान, हमने अपने सैनिकों को हर मौसम संघर्ष करने के बाद ही भारतीय ज़मीन पर चीन की घुसपैठ को रोका|
शाह ने यह भी कहा कि भारत को उम्मीद है कि कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से दोनों देशों के बीच के रिश्तों की खटास काम हो सकती है|
News Source: AmarUjala
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