देश भर में कोरोना का कुल मामला 24 लाख के पार जा चूका है। और ये प्रति दिन बढ़ते जा रहा है, इसी बिच डॉक्टर्स इसकी वजह खोजने में जुड़े है ,डॉक्टर्स ने कोरोना वायरस से हो रहीं मौतों की एक और वजह का खुलासा किया है | डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना वायरस शरीर में ब्लड क्लॉटिंग यानी खून का थक्का भी बनाता है जिसकी वजह से मरीज की अचानक मौत हो सकती है | ये दावा covid Think Tank के सदस्य और लखनऊ के KGMU Hospital के Pulmonary and critical care मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉक्टर वेद प्रकाश ने किया है | डॉक्टर वेद प्रकाश का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से फेफड़ों की नसों में ब्लड क्लॉटिंग हो रही है | ब्लड क्लॉटिंग की वजह से ऑक्सीजन के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं जिसकी वजह से कोरोना के मरीजों की अचानक मौत हो सकती है | डॉक्टर का कहना है कि और किसी दूसरी बीमारियों की तुलना में कोरोना वायरस ज्यादा ब्लड क्लॉटिंग बना रहा है जिससे मरीजों की मौत हो रही है। डॉक्टर्स , कोरोना वायरस की वजह से क्लॉटिंग क्यों बन रही है , अभी इस पर रिसर्च कर रही है | दुनिया भर में कोरोना वायरस के मरीजों में ब्लड क्लॉटिंग के कई मामले दर्ज किए जा रहे हैं। डॉक्टर वेद प्रकाश ने बताया कि कोविड-19 पॉजिटिव मामलों में क्लॉटिंग की जांच के लिए हम D-dimers का टेस्ट कराते हैं. अगर D-dimers का लेवल बढ़ा हुआ है तो फिर इसके इलाज के लिए हम लोग ट्रीटमेंट का प्रोटोकॉल अपनाते हैं। BLOOD CLOTTING को कम करने के लिए हम खून पतला करने वाली दवा मरीजों को देते हैं. इस दवा से शरीर में जमा थक्का को पतला और कम कर मरीजों को बचाया जा सकता है. एक्स-रे और सीटी स्कैन के जरिए भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि शरीर में क्लॉटिंग है या नहीं. इसके अलावा Pulmonary hypertension और Right heart failure से भी ब्लड क्लॉटिंग का पता लगाया जा सकता है. हालांकि इसकी सही जांच ऑटोप्सी के जरिए ही की जा सकती है. ऑटोप्सी के जरिए मृत शरीर से ऑर्गनस निकाल कर उनकी जांच करके ये पता किया जा सकता है कि मरीज की मौत क्लोटिंग से हुई है या किसी और वजह से.