मुस्लिम महिलाएं भगवान राम को पूर्वज मानती हैं , भूमि पूजन के अवसर पर शुरू किया रामचरितमानस पाठ राम जन्मभूमि पूजन को लेकर सिर्फ हिन्दू धर्मी ही नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय का भी उत्साह जोरों पर है. भूमि पूजन का उत्साह इन दिनों वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं में भी देखने को मिल रहा है. वाराणसी की मुस्लिम महिलाएं हिंदू महिलाओं के साथ मिलकर रामचरितमानस का तीन दिवसीय पाठ शुरू कर दिया है जो 5 अगस्त तक चलेगा. इन मुस्लिम महिलाओं का यह भी मानना है कि भगवान राम उनके भी पूर्वज हैं.
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कभी रामचरितमानस का पाठ तो कभी राम भक्ति के भजनों में खोई हिंदू महिलाओं के साथ बुर्का पहने मुस्लिम महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की हैं. वाराणसी के लमही गांव में स्थित मुस्लिम महिला फाउंडेशन की ओर से 3 दिन से रामचरितमानस का पाठ शुरू किया गया है. इसकी अगुवाई मुस्लिम महिलाएं हिंदू महिलाओं के साथ मिलकर कर रही हैं. रामचरितमानस पाठ के साथ-साथ बीच-बीच में हिंदू मुस्लिम महिलाएं मिलकर राम भक्ति भजन में भी तल्लीन नजर आती हैं.
इन मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि सैकड़ों वर्षों के लंबे इंतजार और कुर्बानी के बाद अब राम जन्म भूमि पूजन होने जा रहा है. चूं कि राम मुसलमानों के भी पूर्वज रहे हैं, इसलिए इसकी खुशी उन सभी मुस्लिमों को भी है. यही वजह है कि उन्होंने लगातार तीन दिनों तक के लिए रामचरितमानस का पाठ शुरू किया है. इस मौके पर जुटी अन्य राम भक्त युवतियों का भी कहना है कि वे अयोध्या नहीं जा सकतीं इसलिए वे अपने शिव की नगरी काशी को अयोध्या की तरह सजाकर अपनी भक्ति प्रकट कर रही हैं. इसके लिए वे रंगोली सजाने से लेकर दीपक जलाने और रामचरितमानस के पाठ के साथ ही राम भक्ति के गीत भजन भी गाती रहेंगी.