नेपाल ने दी भारत को चेतावनी , बोला पहले हम गलत थे कि भारत की तरफ झुके थे, अब हम सही कर रहे
नेपाल के चीन की तरफ बढ़ते झुकाव और आंतरिक राजनीति में दखल का नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली ने बचाव किया है. नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा कि पहले हम भारत की तरफ ज्यादा झुके थे लेकिन अब हम सही रास्ते पर आए हैं. नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा, “वर्तमान सरकार या नेपाल का चीन के प्रति झुकाव वाला आरोप परेशान करने वाला है. हमने बार-बार कहा है कि हम एक संतुलित और राष्ट्रीय हित पर आधारित संबंध बनाते हैं. हम दोनों पड़ोसियों भारत और चीन के साथ सहयोग और साझेदारी को आगे बढ़ाना चाहते हैं.
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दोनों पड़ोसियों के साथ सहयोग हमारे लिए जरूरी है. हम एक की कीमत पर दूसरे के रिश्ते को बढ़ावा या अनदेखा नहीं कर सकते.” और उन्होंने कहा की , नेपाल ने अब चीन को जो समझ दी है, वह वास्तव में इतिहास में पहले से ही होनी चाहिए थी.पहले नेपाल एक तरफ झुक गया. हमने उस एकतरफा ढलान को सही जगह लाने की कोशिश की है. इसलिए, नेपाल कहीं भी झुक नहीं रहा है बल्कि हमने अपने राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के साथ सहयोग के साथ आगे बढ़ने की कोशिश की है. हमने एकतरफा निर्भरता को खत्म करने की कोशिश की है. हम कनेक्टिविटी को ‘विविधता’ देना चाहते हैं. इसलिए, हमने चीन के साथ एक परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर किए. हम न केवल भारत के साथ, बल्कि चीन के साथ भी एक बहुआयामी कनेक्टिविटी नेटवर्क से जुड़ना चाहते हैं ताकि हमारे पास अधिक विकल्प हों.
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली ने कहा की, “हमें पता है कि भारत-चीन के बीच विवाद है लेकिन 21वीं सदी को एशियाई सदी कहा जाता है. इस संदर्भ में, चीन और भारत के बीच जितनी अच्छी समझ विकसित हो और सहयोग हो, क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि बढ़ेगी. यही नहीं, यह विश्व शांति के लिए एक उपलब्धि होगी. इसलिए उनके बीच की दूरी कम होने दें और सहयोग बढ़ाएं. हम भी यही चाहते हैं. और उन्होंने कहा की यदि भारत और चीन के बीच कोई विवाद होता है, तो हम किसी का पक्ष नहीं लेंगे. हम योग्यता और मुद्दे के आधार पर अपने रिश्तों को आगे बढ़ाते हैं.”
पिछले कुछ दिनों में चीनी राजदूत होउ यान्की(HOU YANQI) नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के कई नेताओं से मुलाकात कर घेरे में आ गई थीं. कहा जा रहा था कि ओली की कुर्सी बचाने के लिए और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में फूट पड़ने से रोकने के लिए वह तमाम कोशिशें कर रही हैं. इसे लेकर भी नेपाल के विदेश मंत्री ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, हाल के दिनों में जिस तरह से चीनी राजदूत पर टिप्पणी की गई है, उसमें मुझे भी एक दोष नजर आता है. चीन की घोषित नीति है. वह दूसरों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है. इसलिए विकासशील देशों का चीन के साथ विश्वास और सहयोग है. नेपाल के विदेश मंत्री ने चीन की कोरोना महामारी पर काबू पाने की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, आज के चीन से बहुत कुछ सीखना है. पर्याप्त समय होने के बावजूद, कई विकसित देश अभी भी COVID-19 से जूझ रहे हैं. चीन ने दो महीने के भीतर कोविड पर काबू कर लिया. कई लोगों ने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जोड़ा है. लेकिन जो लोग स्वतंत्रता के नाम पर कोरोना से आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए स्थिति विकट है. और उन्होंने टिपणी देते हुए कहा की अच्छी बातें कहीं से भी सीखी जा सकती हैं.