फिनांशन एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा निर्धारित सख्त नियमों से जुड़े दो विधेयकों को पाकिस्तान की विपक्ष बहुल सीनेट ने ठुकरा दिया। इससे पाकिस्तान सरकार द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले और आतंकियों के वित्तपोषण वॉचडॉग द्वारा ब्लैकलिस्टेड किए जाने से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों पर पानी फिर गया। इस कदम पर देश के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और विपक्षी नेताओं पर अपने अवैध धन को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
इससे पहले जुलाई में पाकिस्तान की सीनेट ने FATF द्वारा तय की गई सख्त शर्तों से संबंधित दो विधेयकों को को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया था। इससे एक दिन पहले ही इन विधेयकों को नेशनल असम्बेली में विपक्ष के विरोध के बावजूद पारित करा लिया गया था।
क्या है FATF ?
The Financial Action Task Force (FATF) एक स्वतंत्र अंतर-सरकारी निकाय है जो आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों के लिए ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम के दुरूपयोग को रोकने के लिए प्रयास करता है. आतंकी गतिविधियों को फंडिंग उपलब्ध कराने के कारण FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला हुआ है.
फिनांशन एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था और इस्लामाबाद से 2019 के अंत तक कार्रवाई करने की योजना तैयार करने का आदेश दिया था। लेकिन कोरोना के कारण फैली महामारी ने डेडलाइन को बढ़ाने पर मजबूर कर दिया।
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