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प्रेस मीटिंग के दौरान रूस के राष्ट्रपति से सवाल , क्यों पहले देना चाहते है डॉक्टरों और शिक्षकों को यह वैक्सीन ?

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आपको बता दे की रूस ने कोरोना वायरस की सबसे पहली वैक्सीन बना ली है। और सबसे पहले यह वैक्सीन रूस के राष्ट्रपति putin की बेटी को दी गयी थी | और अब देश के राष्ट्रपति इस वैक्सीन को लॉच करने जा रहे है |
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूस के राष्ट्रपति से एक journalist ने पूछा की ,
आप सबसे पहले डॉक्टरों और शिक्षकों को ये वैक्सीन क्यों देना चाहते हो?
और देश के शेष 30 करोड़ आम लोगों के बारे में आपका क्या ख्याल है ?
और क्या देश के आम जनता को इस वैक्सीन की आवश्यकता नहीं है?

इसपर जवाब देते हुए रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा की , डॉक्टरों और शिक्षकों की रक्षा करके मैं आम लोगों की रक्षा करना चाहता हूं।
अगर एक डॉक्टर की मृत्यु हो जाती है, तो दूसरे डॉक्टर को बनाने के लिए हमें 30 साल की जरूरत होती है और जनता के करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं |
उन्होंने कहा की यदि डॉक्टर की मृत्यु हो जाती है, तो अगले 30 वर्षों के दौरान उनकी अनुपलब्ध सेवाएं से कई आम लोगों की मृत्यु हो सकती हैं।
और इसी तरह अगर शिक्षक की मौत हो गयी तो नया शिक्षक तैयार करने के लिए काफी समय और जनता का पैसा बर्बाद होगा | उन्होंने कहा की अगर एक शिक्षक मर जाएगा तो डॉक्टर कौन तैयार करेगा?

ये दोनों ही राष्ट्र के लिए बहोत महत्वपूर्ण लोग हैं। इसलिए वे मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं।
आप , मैं और देश के आम लोग तभी सुरक्षित हैं जब तक देश में डॉक्टर्स और शिक्षक मौजूद है ।

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इसी के साथ उन्होंने उस journalist से कहा की क्या आपके लिए यह पर्याप्त उत्तर है?
या अभी भी आपको और explanation की जरुरत है ?
इसी के साथ उन्होंने कहा की ,
शिक्षक इस दुनिया में एक जीवित भगवान है।शिक्षक नहीं तो दुनिया कुछ भी नहीं |

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