रावण रामायण का एक प्रमुख प्रतिचरित्र है। रावण लंका का राजा था। वह अपने दस सिरों के कारण दशानन कहलाता था। रावण में अनेक गुण भी थे।
एक अच्छा ब्राह्मण ऋषि का पौत्र और विश्रवा का पुत्र रावण भगवान शिव का परम भक्त, उत्तम राजनीतिज्ञ, एक अच्छा योद्धा, बहुत बलशाली के साथ शस्त्र और शास्त्रों का महाज्ञाता था।
रावण अपनी पानी से बहुत प्रेम करता था, वह एक महान पंडित भी था।
रामचरितमानस के अनुसार जब रावण छल से सीता माँ का वैन से हरण कर लाया था तब मंदोदरी घबरा कर अपने स्वामी (पति) से सीता को लौटा देने और श्रीराम से बैर न करने की गुहार की।
इस पर रावण हंसा और औरतों में पाए जाने वाले 8 अवगुण बताए-
पहला अवगुण- औरतों का अति साहसी होना। वह अपना साहस का गलत जगह प्रदर्शन करती हैं जिस कारण उन्हें और उनके परिवार वालों को पछताना पड़ता है। साहस को दुःसाहस नही बनाना चाहिए।
दूसरा अवगुण- रावण ने बताया था कि औरतें झूठ बोलती हैं, लेकिन उनका झूठ ज़्यादा दिन नही चलता।
तीसरा अवगुण- उनकी चंचलता ही बार बार उनके बदलते मन का कारण होती है, इसी वजह से वह चंचल स्वभाव की होती हैं।
चौथा अवगुण- महिलाएं कई बार दूसरों के खिलाफ साज़िशें रचती हैं ताकि परिस्थितियां उनके अनुकूल हो। वह अपना काम करवाने के लिए क्या क्या करती हैं, उसकी भी चर्चा रावण ने की है।
पांचवा अवगुण- महिलाएं साहसी होने के साथ साथ थोड़ी डरपोक भी होती हैं हर कार्य अपने हिसाब से न होता डेज़ह वह घबरा जाती हैं।
छठा अवगुण- महिलाएं थोड़ी मूर्ख भी होती हैं। वे बिना सोचे समझे फैसले लेती हैं जिनके बारे में उन्हें देर से समझ आता है जब वह समस्या में पड़ती हैं तब उन्हें सनाझ आता है।
सातवा अवगुण- महिलाएं दिखने में कितनी भी खूबसूरत हो या कितने ही अच्छे गहने साड़ी क्यों न पहन लें लेकिन वह साफ सफाई का ध्यान नही रखती।
आठवा अवगुण- स्त्रियों को पुरुषों के मुताबिक दयालु माना जाता है लेकिन अगर वह किसी से नफरत करती हैं तो उनकी दयालुता खत्म हो जाती है।
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