प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ईमानदार टैक्सपेयर्स के लिए एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है. इस प्लेटफॉर्म का नाम ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ दिया गया है. इस मौके पर पीएम मोदी ने टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म का जिक्र किया है . तो आईये आज हम आपको बताएँगे की आखिर ये टैक्सपेयर्स चार्टर होता क्या है | आसान भाषा में बताये तो ये चार्टर एक तरह का लिस्ट होगा, जिसमें टैक्सपेयर्स के अधिकार और कर्तव्य के अलावा टैक्स अधिकारियों के लिए भी कुछ निर्देश होंगे. इसके जरिए करदाताओं और इनकम टैक्स विभाग के बीच विश्वास बढ़ाने की कोशिश की जाएगी. इस चार्टर में टैक्सपेयर्स की परेशानी कम करने और इनकम टैक्स अफसरों की जवाबदेही तय करने की व्यवस्था होगी. आपको बता दे की इस समय दुनिया के सिर्फ तीन देश , अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया में ही यह लागू है. इन देशों में लागू टैक्सपेयर्स चार्टर की कुछ बातें कॉमन हैं. उदाहरण के लिए , जब तक यह साबित न हो जाए कि करदाता ने टैक्स चोरी या गड़बड़ी की है, तब तक उसे ईमानदार करदाता मानना होगा. इसका मतलब ये है कि बेवजह टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजकर दबाव नहीं डाला जाएगा | इसी तरह, टैक्स अधिकारियों को करदाताओं की समस्याओं का जल्द समाधान करने की जिम्मेदारी होगी . मतलब किसी भी तरह का टालमटोल नहीं चलेगा. वहीं अधिकारियों को अगर टैक्सपेयर्स के खिलाफ अगर कोई आदेश जारी होता है तो उसे एक बार जांच का मौका दिया जायेगा . आपको बता दें कि बीते फरवरी महीने में आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार टैक्सपेयर्स चार्टर की बात कही थी | इसी के साथ पीएम मोदी ने टैक्सपेयर चार्टर को विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है. उन्होंने कहा कि अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया जायेगा | यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर के स्वाभिमान का संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा |
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